सीकर। सुबोदा कॉलेज में छात्र सभा को सम्बोधित करते हुए मद्य निषेध मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष चौधरी मामराज सिंह ने कहा कि संसार में शक्ति की पूजा होती है, क्योंकि सुख, आनंद और स्वतंत्रता का मूल आधार शक्ति है। दुर्बलों को सभी दबाते एवं चबाते हैं। दुर्बलता के कारण छोटे-छोटे किड़े मकोड़े पैरों के नीचे कुचले जाते है जबकि कोई सबल प्राणी पैरों नहीं कुचला जाता। शराब, गुटका, ड्रग्र्स मनुष्य को हर तरह से निक्रष्ठ, निकम्मा, रोगी, दरिद्र, दुर्बल, अपराधि बनाते हैं, ऐसे में नशीले प्रदार्थों से बचने में ही भलाई है और सरकार को शराब तम्बाखु के अनैतिक जनविरोधि कारोबार को बन्द करना चाहिए। चौधरी ने कहा कि योग व स्वाध्याय मानव के रक्षा कवच है। योग व्यक्ति को शारीरिक मानसिक रूप से निरोग बनाता है और सत-साहित्य का स्वाध्याय मनुष्य के विचारों को परिष्कृत कर सद्गुणों को बढ़ाता, दोष दुर्गुणों व दुव्यर्सनों से बचाता है। निरोग व दीर्घायु जीवन के लिए लम्बा व गहरा सांस लो सदैव कमर सीधी रखकर बैठों और सकारात्मक सोच रखो। विचार ही मनुष्य के कर्मों के बीज होते हैं। विचार ही व्यक्ति और संसार पर शासन करते है। एक विचार के कारण व्यक्ति हर परिस्थिति में जीना चाहता और दूसरे विचार के कारण आत्महत्या कर लेता है। अर्थात जीवन विचारों का खेल।
इंजी. टोडरमल फोगावट ने कहा कि कम्प्यूटर का निर्माता मस्तिष्क है, अनावश्यक सामग्री को डिलेट करने की तरह ही आलतू-फालतू विचारों की गंदगी को डिलीट करना तनावमुक्त रहने के लिए जरूरी है। सभाध्यक्ष प्राचार्य रामनिवास काजला ने कहा कि हम अच्छी बातें सुन-पढ़कर आचरण में अपनाएं तभी फायदा होता है। अत: योग व स्वास्याय को जीवन में अपनाओं